पटना कार्यालय प्रतिनिधि। हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार योजना के तहत देश और देश के बाहर हिंदी की सेवा करने वाले साहित्यकारों को बिहार सरकार सम्मानित करेगी। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग ने देशभर के साहित्यकारों, हिंदी सेवियों, हिंदी से जुड़ी स्वैच्छिक संस्थाओं, सरकारी संस्थाओं, विश्वविद्यालय और अकादमियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। आवेदन देने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर निर्धारित की गई है। मंत्रिमंडल सचिवालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
हिंदी सेवा सम्मान एवं पुरस्कार योजना के तहत कुल 15 श्रेणियों में पुरस्कार दिए जाएंगे। डा. राजेश प्रसाद शिखर सम्मान भी दिया जाएगा, जो तीन लाख रुपये का और एकल पुरस्कार होगा। यह पुरस्कार अखिल भारतीय स्तर पर विगत पांच वर्षों में सृजनात्मक हिंदी लेखन, पत्रिकारिता, न्यायिक एवं प्रशासनिक कार्यों में हिंदी के प्रयोग या प्रचार-प्रसार के क्षेत्र में अति विशिष्ट योगदान के लिए दिया जाएगा। ढाई लाख रुपये का बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर पुरस्कार, दो लाख रुपये का जननायक कर्पूरी ठाकुर पुरस्कार, इतनी ही राशि का बीपी मंडल पुरस्कार, नागार्जुन पुरस्कार, राष्ट्रकवि दिनकर पुरस्कार, फणीश्वर नाथ रेण पुरस्कार और 50 हजार का महादेवी वर्मा पुरस्कार, बाबू गंगाशरण पुरस्कार, विद्याकर कवि पुरस्कार, विद्यापति पुरस्कार, मोहन लाल मेहता पुरस्कार, भिखारी ठाकुर पुरस्कार, डा. ग्रियर्सन पुरस्कार और डा. फादर कामिल बुल्के पुरस्कार हैं।
(रिपोर्ट : निशांत राज)
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