डेहरी-आन-सोन (रोहतास) कार्यालय प्रतिनिधि। पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं और गया जं रेलखंड के बीच डेहरी-ऑन-सोन रेलवे स्टेशन ‘A’ श्रेणी और NSG -3 वर्ग का सर्वाधिक राजस्व देने वाला स्टेशन है। ऐतिहासिक, व्यवसायिक व पर्यटन के लिहाज से डेहरी-ऑन-सोन स्टेशन काफी महत्वपूर्ण है।
इस स्टेशन से यात्री ऐतिहासिक रोहतास किला, महादेव खोह, चौरासन मंदिर, झारखंडी मंदिर,धूप घड़ी, जैन मंदिर, नौलखा मंदिर, तुतला भवानी धाम, कशीश वॉटरफाल, विश्व का चौथा सबसे बड़ा इंद्रपुरी डैम और भारतीय रेलवे का एकमात्र ट्रिपल ट्रैक सोन ब्रिज घूमने आते है। इसके साथ यह शाहाबाद व गढ़वा-पलामू क्षेत्र के लोगों के लिए मुख्य रूप से व्यापारिक केंद्र भी है। डेहरी-ऑन-सोन अंग्रेजो के ज़माने से औद्योगिक नगरी के नाम से जाना जाता रहा है। अभी भी डेहरी-ऑन-सोन में बियाडा के 2 इंडस्ट्रियल क्षेत्र है, एक एनिकट में और दूसरा सुअरा में आने वाले वर्षो में एक्सेल वैगन मरम्मत और कपलर निर्माण का कारखाना भी तय है। 2008 में स्वीकृत डेहरी-बंजारी-पीपराडीह रेल लाइन भी बनना है और इस लाइन का विस्तार चोपन तक कराना है क्योंकि नौहट्टा प्रखंड में 2025 से खनन शुरू होगा। डेहरी -डुमराव -बलिया नई रेल लाइन की माँग भी दो दशक से हो रहीं है। अगर डेहरी-ऑन -सोन आटोमेटिक वाशिंग कोच प्लांट का निर्माण किया जाता है तो गया और डीडीयू का भार भी कम होगा यहाँ पानी की भी कोई कमी नहीं है। फिर डेहरी-ऑन-सोन सभी अनेक ट्रेनों को खोला जा सकेगा। डेहरी-ऑन-सोन मे जिला और प्रमंडलीय स्तरीय अनेक कार्यालय बहुत पहले से ही अवस्थित है। डेहरी-ऑन-सोन के लोग पुरे भारत वर्ष मे रहते है। वित्तीय वर्ष 2023-24 मे डेहरी-ऑन-सोन स्टेशन से 45 करोड़ 83 लाख 57 हजार 532 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ और 50 लाख 79 हजार 344 यात्रीयों का फुटफॉल था। पूर्व मध्य रेलवे जोन और डीडीयू मण्डल को इस पर विचार करके प्रस्ताव रेल मंत्रालय को भेजना चाहिए।