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कहानी /कवितासोनमाटी टुडे

चंद्रयान-3 मिशन पर केन्द्रित कविताएं

चंद्रयान /अरुण दिव्यांश

आज फिर बढ़ा देश का गौरव ,
हमारा सफल किया चंद्रयान ।
विश्व में शीश पाया है ये ऊंचा ,
हमारा प्यारा गर्वित हिंदुस्तान ।।
चंद्रमा के दक्षिणी छोर जाकर ,
विश्व में बनाया है प्रथम स्थान ।
इसरो तुझपर गर्वित है भारत ,
स्वस्थ सुखी औ हो आयुष्मान ।।
धन्य है यह मेरी माटी मेरा देश ,
सुगंधित किया है पूरा जहान ।
सदा कुछ करता आया भारत ,
इसीलिए भारत बना है महान ।।
नमन तुम्हें मेरी माटी मेरा देश ,
आज पुनः है छप्पन इंच सीना ।
जो कर न सका विश्व अबतक ,
आज भारत निकला‌ बन नगीना।।

अरुण दिव्यांश

अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )
बिहार। फोन : 9504503560

चंदामामा / दिनेश जी दीनेश

चंदामामा हो गया हमारा,
हम मामा के घर जायेंगे।

मां तो गई है राखी बांधने,
हम मामा देखने जायेंगे।

देखेंगे हम जाके वहां पर,
मामा के घर क्या-क्या है।

हमको सब वो बतलायेंगे,
अपना खनीज दिखलायेंगे।

पीने का पानी है कि पत्थर,
मां व मामा में क्या अंतर।

जगह-जगह का फोटो लेंगे,
सबको हम तो दिखलायेंगे।

खुश होंगे मामा से हिलमिल,
मामा खुश होंगे हमसे मिल।

मामा ठंढें हैं कि वो गरम हैं,
कड़े है कि बिलकुल नरम हैं।

बहुत कुछ जान लेंगे हम तो,
दुनिया लोहा मानेंगी अब तो।

देश चन्द्र विजय कहलायेगा,
भारत का गौरव बढ़ जायेगा।

  • दिनेश जी दीनेश

(फोटो: वेबसाइट/ इसरो)

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