पृथ्वी पर प्रकृति का अनुपम उपहार हैं पेड़ : डा. शम्भुशरण
दाउदनगर (औरंगाबाद)-विशेष संवाददाता। हर वर्ष सावन के महीने में विवेकानन्द मिशन स्कूल द्वारा चलाए जाने वाले आत्मोदय अभियान का रूख अब पूरी तरह गांवों की ओर हो चुका है। विवेकानन्द ब्रिगेड मिशन का विद्यार्थी-शिक्षक दल कार्यक्रम चलो गांव की ओर के तहत गांव-गांव पहुंचकर पौधारोपण कर रहा है और इसके लिए गांववासियों के प्रेरित कर रहा है। विवेकानन्द ब्रिगेड मिशन के विद्यार्थी-शिक्षक दल द्वारा ग्रामीणों से पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने पर चर्चा की जा रही है और बताया जा रहा है कि जल संरक्षण, मृदा संरक्षण और स्वच्छता तंत्र अपनाकर ही ऐसा संभव है। विवेकानन्द ब्रिगेड मिशन विवेकानन्द मिशन स्कूल का एक उपक्रम है, जिसे वृक्षारोपण और पर्यावरण जागृति के आत्मोदय अभियान की जिम्मेदारी सौंपी गई है। विद्यालय प्रबंधक सुनील कुमार सिंह और प्राचार्य चंद्रशेखर नायक द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किए गए विवेकानन्द ब्रिगेड दल ने अलीगंज के मुखिया प्रतिनिधि अजय विश्वकर्मा, प्रखंड प्रमुख विकास सिंह, नासरीगंज के पूर्व जिला पार्षद अनिल सिंह के सहयोग से कई गांवों में वृक्षारोपण कार्य किया। वास्दी में मठ के आचार्य के सौजन्य से मठ परिसर में महोगनी, कटहल, आंवला, अमरूद के पेड़ लगाए गए। अभियान दल में विवेकानंद मिशन स्कूल के शिक्षक-विद्यार्थी लोकेश पांडे, प्रभातरंजन त्रिपाठी, रंजना कुमारी, मंजू कुमारी, वर्षा पटेल, अभिषेक कुमार, कौशिक कुमार शामिल हैं। सामाजिक कार्यकर्ता सुजीत कुमार अभियान दल के साथ लगातार बने रहकर पौधरोपण में योगदान कर रहे हैं।
विवेकानन्द मिशन स्कूल के निदेशक डा. शम्भुशरण सिंह ने अपने संदेश में कहा है कि पेड़ पृथ्वी पर प्रकृति का अनुपम उपहार है। पेड़-पौधों और वनस्पतियों से जिस हरियाली समूह का निर्माण होता है, वह धरती के फेफड़ा के रूप में काम करता है। हरियाली कार्बन-डाइ-आक्साइड को सोखती है और बदले में प्राणवायु आक्सीजन प्रदान करती है, जिससे पर्यावरण संतुलित बना रहता है। आज सभी को जानकारी हो चुकी है कि धरती पर तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है और मौसम चक्र बिगड़ चुका है, पर्यावरण असंतुलित हो गया है। वर्षा कम होती जा रही है। ताल-तलैया, नदियां सूखती जा रही हैं। यह धरती पर मंडरा रहा आपदा है। इसलिए पर्यावरण संतुलन जरूरी है। इसका एकमात्र उपाय है कि हम अधिक-से-अधिक वृक्ष लगाएं। जंगल को नहीं काटें। वर्षा के जल को बेकार नहीं जाने दे और उसका भंडारण-संरक्षण करें। स्वच्छता को हर हाल में अपनी जीवनशैली में शामिल करें। ऐसा करना इसलिए भी जरूरी है कि भावी पीढ़ी सुरक्षित रह सके।
(रिपोर्ट, तस्वीर : उपेन्द्र कश्यप)
नृत्य प्रतियोगिता में सामाजिक समस्याओं की थीम को मिलेगी प्राथमिकता
डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-विशेष प्रतिनिधि। नवगठित सांस्कृतिक सर्जना की संवाहक संस्था सोन कला केन्द्र द्वारा 04 अगस्त को त्रिमूर्ति वाटिका में प्रथम झलक (परिचय कार्यक्रम) के रूप में आयोजित नृत्य प्रतियोगिता 2019 में जीवन के उल्लास, हर्ष-शोक, सामाजिक समस्या, पर्यावरण संरक्षण आदि का प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व करने वाले विषय-वस्तु (थीम) को प्राथमिकता दी जाएगी। दयानिधि श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सोन कला केन्द्र की कार्यकारिणी की शंकर लाज में हुई बैठक में नृत्य प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में बिग डांस सेंटर (पटना) के प्रशिक्षक मनीष सिंह और डीएवी स्कूल (कटार, डेहरी) की संगीत-नृत्य शिक्षिका सीमा उपाध्याय को शामिल करने पर सर्वानुमति से स्वीकृति दी गई। तय किया गया कि राज ट्रामा हास्पिटल (पटना) के संस्थापक सीएमडी डा. विजय राज सिंह पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि और डेहरी अनुमंडल के अनुमंडलाधिकारी लाल ज्योतिनाथ शाहदेव विशिष्ट अतिथि होंगे, जिसके लिए दोनों ने अपनी अनौपचारिक सहमति प्रदान की है।
बैठक में सोन कला केन्द्र के संस्थापक सलाहकार मंडल के वरिष्ठ सदस्य लेखक-पत्रकार-रंगकर्मी कृष्ण किसलय, कार्यकारी अध्यक्ष जीवन प्रकाश, उपाध्यक्ष सुनील शरद, प्रभारी सचिव निशान्त राज, संयुक्त सचिव मनीष कुमार सिंह उज्जैन, कोषाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह, कार्यकारी सदस्य गुप्तेश्वर ठाकुर, ओमप्रकाश ढनढन, संजीव कुमार, संतोष कुमार के साथ नए सदस्य के रूप में गायिका प्रीति राज, गायक राकेशकुमार सिन्हा राजू और मंच-संचालक अमोल सिन्हा उपस्थित थे।
(रिपोर्ट : निशान्त राज)