जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के द्वारा धान परती भूमि प्रबंधन एवं किसानों का सशक्तिकरण

जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम

पटना – कार्यालय प्रतिनिधि। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के निदेशक डॉ. अनुप दास (प्रोजेक्ट लीडर), डॉ. राकेश कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक-सह-प्रधान अन्वेषक एवं टीम के अन्य सदस्यों के तत्वाधान में चलाई जा रही परियोजना जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के द्वारा धान परती भूमि प्रबंधन के अंतर्गत संस्थान से वैज्ञानिकों की टीम द्वारा मंगलवार को गया जिले के टेकारी प्रखंड के गुलेरियाचक ग्राम में 50 एकड़ भूखंड पर कम अवधि की धान की सीधी बुवाई एवं 25 एकड़ में अरहर की प्रजाति का प्रत्यक्षण कार्यक्रम एवं किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया एवं कृषि कार्य में उपयोग होने वाले 0.5 HP के मोनोब्लॉक पंप को अनुसूचित जाति के किसानों बीच वितरण किया गया।

डॉ. बिकास सरकार, प्रधान वैज्ञानिक ने विभिन्न कृषि उपकरणों के उपयोग एवं रखरखाव के बारे में जानकारी दी। बैठक में संस्थान के डॉ. राकेश कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कम अवधि की सीधी बुवाई धान (स्वर्ण श्रेया) एवं अरहर की प्रजाति आपीए -203 के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने किसानों को कम अवधि की सीधी बुवाई धान एवं मेड़ पर अरहर लगाने की उन्नत तकनीक के बारे में जानकारी दी।

डॉ. प्रेम कुमार सुंदरम, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कृषि कार्य में उपयोग होने वाले मशीनों के बारे में जानकारी दी। डॉ. पवन जीत, वैज्ञानिक द्वारा कृषि ड्रोन का प्रत्यक्षण किया गया तथा किसानों को उसके तकनीकी उपयोग एवं इसके प्रशिक्षण के बारे में जानकारी दी। डॉ. देवेन्द्र मंडल, सहायक प्रोफ़ेसर-सह-कनिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. कलाम कृषि महाविद्यालय, किशनगंज ने धान में खरपतवार नियंत्रण के बारे में किसानों को विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई। एवं मनोज कुमार सिन्हा, वरिष्ठ तकनीकी सहायक ने किसानों को ड्रोन के बारे में तकनीकी जानकारी दी।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पटना

इस बैठक में किसान आशीष कुमार ने किसानों को भूमि प्रबंधन के बारे में बताया। वैज्ञानिकों की टीम ने प्रक्षेत्र भ्रमण किया एवं किसानों के साथ संवाद भी किया। इस बैठक मे किसान दिनेश चंद, पुनित बिद एवं लगभग 80 किसानों ने भाग लिया । प्रगतिशील किसान आशीष कुमार द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में कृषि विज्ञान केंद्र, गया का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।

Share
  • Related Posts

    धान-परती भूमि प्रबंधन की जानकारी दी गई

    पटना -कार्यालय प्रतिनिधि। धान-परती भूमि में रबी फसल उत्पादन के दौरान किसानों को नमी की कमी और सिंचाई संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी…

    Share

    आजीविका में सुधार हेतु समेकित मत्स्य पालन

    पटना -कार्यालय प्रतिनिधि। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में खगड़िया जिले के किसानों के लिए सोमवार को पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ है |…

    Share

    One thought on “जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के द्वारा धान परती भूमि प्रबंधन एवं किसानों का सशक्तिकरण

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    धान-परती भूमि प्रबंधन की जानकारी दी गई

    धान-परती भूमि प्रबंधन की जानकारी दी गई

    आजीविका में सुधार हेतु समेकित मत्स्य पालन

    आजीविका में सुधार हेतु समेकित मत्स्य पालन

    डब्ल्यूजेएआई बिहार प्रदेश कमिटी का हुआ विस्तार, संगठन के उद्देश्यों और रूपरेखा किया गया चर्चा

    डब्ल्यूजेएआई बिहार प्रदेश कमिटी का हुआ विस्तार, संगठन के उद्देश्यों और रूपरेखा किया गया चर्चा

    रुद्र महायज्ञ सह प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रारंभ हुआ रासलीला का मंचन

    रुद्र महायज्ञ सह प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रारंभ हुआ रासलीला का मंचन

    आलू की वैज्ञानिक खेती से होता है अधिक उपज : डा. संदीप मौर्य

    आलू की वैज्ञानिक खेती से होता है अधिक उपज : डा. संदीप मौर्य

    निर्माण एजेंसी को हर हाल में जनवरी के अंत तक काम पूरा करने एसडीएम ने दिया का निर्देश

    निर्माण एजेंसी को हर हाल में जनवरी के अंत तक काम पूरा करने एसडीएम ने दिया का निर्देश