संगोष्ठी : वही लौटाया है जो मुझे मिला; भोजपुरी कला-संस्कृति भारत भूमि की धरोहर

काव्य-गोष्ठी : वही लौटाया है मैंने जो मुझे मिला… पटना (विशेष प्रतिनिधि)। साहित्यकार-कवि-चित्रकार सिद्धेश्वर ने कहा कि कविता हृदय से निकली हुई शब्दों की रसधार अभिव्यक्ति है। कविता खासियत सरल…

कविताएं : चन्द्रेश्वर, कुमार बिन्दु और लता प्रासर

-चन्द्रेश्वर  बक्सर (बिहार) निवासी, बलरामपुर (उत्तर प्रदेश) पीजी कालेज में विभागाध्यक्ष। कई पुस्तकेें प्रकाशित। दिल्ली क्या कम गंधाती है सर जी ! इस सुपर फास्ट ट्रेन की दूसरी श्रेणी के…

विष्णु प्रभाकर साहित्य सम्मान 2019 लता प्रासर को

पटना (विशेष प्रतिनिधि)। बिहार की युवा कवयित्री लता प्रासर को इस वर्ष का विष्णु प्रभाकर साहित्य सम्मान दिया जाएगा। लता प्रासर के नाम के चयन की घोषणा गांधी हिन्दुस्तानी साहित्य…

कविता के कलमकार : कुमार बिन्दु, अख्तर इमाम अंजुम, मिथिलेश दीपक, कृष्ण किसलय

  गजल/ कुमार बिन्दु हर सुबहो-शाम हसीं गुनाह करता हूं। सर झुका के हुस्न को सलाम करता हूं।। जाहिद काफिर कहे या बुतपरस्त कहे, हर सूं उसका जलवा दीदार करता…

सासाराम में साहित्य-कला-संगम के मंच पर काव्यपाठ, गाजियाबाद से नीरज त्यागी की कविता

सासाराम (रोहतास)-सोनमाटी संवाददाता। धर्मशाला पथ स्थित महाभारत कोचिंग सेंटर के सभागार में अखिल भारतीय साहित्य एवं कला संगम के तत्वावधान में कवि सम्मेलन और गायन-वादन-नृत्य का संयोजन किया गया, जिसमें…

होली की शुभकामनाएं : तीन कवियों मिथिलेशकुमार सिंह, कुमार बिन्दु और तूलिका चेतिया येइन की रचनाएं

सोनमाटीडाटकाम के पाठकों के लिए तीन कवियों मिथिलेशकुमार सिंह, कुमार बिन्दु और तूलिका चेतिया येइन की रचनाओं के साथ होली की शुभकामनाएं। बिहार में ढाई दशक पहले नवभारत टाइम्स (पटना)…

जवानों, तुम्हें वतन का शत-शत नमन !

पटना/डेहरी-आन-सोन/दाउदनगर/सासाराम (सोनमाटीडाटकाम टीम)। जम्मू-कश्मीर में बिना युद्ध लड़े आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 44 जवानों के शहीद होने पर पूरे देश और बिहार प्रदेश में आक्रोश, शोक की लहर है।…

वैलेन्टाइन-डे : बहुअर्थी प्रेम-सरोकार-संबंध दिवस पर मौका-ए-खास पेशकश

वैलेन्टाइन-डे विशेष यानी बहुअर्थी प्रेम-सरोकार-संबंध दिवस पर सोनमाटीडाटकाम की मौका-ए-खास पेशकश बिहार और दूसरे प्रदेशों में अखिल भारतीय मंचों पर मुशायरा के सम्मानित हस्ताक्षर और चार दशक (1979) से शायरी…

समाज ने क्या दिया : 20वींसदी के आठवें-नौवें दशक में आंचलिक रंगमंच का चर्चित नाटक

समर्पण : ‘समाज ने क्या दियाÓ के प्रथम संस्करण (1977) को इसके लेखक (कृष्ण किसलय) ने सोनमाटी-प्रेस (प्रिंटिंग मशीन) के संस्थापक (स्व. बिन्देश्वरी प्रसाद सिन्हा) को समर्पित किया था। सोनमाटी-प्रेस…

कि गालिब को याद करके गा सकूं…

वरिष्ठ कवयित्री सरला माहेश्वरी का छठवां काव्य संग्रह पिछले दिनों प्रकाशित हुआ है। कवि-पत्रकार मनोज कुमार झा ने इस पुस्तक की सोनमाटीडाटकाम के पाठकों-दर्शकों के लिए वैचारिक टिप्पणी के साथ…

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