रोशनी से गुलजार चिमनियों का चमन और पानी के रेले से प्रकंपित सोन की चौड़ी छाती !
=० स्मृतियों का झरोखा ०= दिल्ली से सोनमाटीडाकाम के लिए शिक्षण-लेखन का कार्य करने वाले कौशलेन्द्र प्रपन्न ने इस संस्मरणात्मक लेख में अपने शहर डेहरी-आन-सोन (बिहार) में किशोर उम्र तक…
जयहिन्द-2 : तब बैलगाड़ी के जरिये होता था सड़कों पर फिल्मों का प्रचार
=o स्मृतियों का झरोखा : डेहरी-आन-सोन o= बिहार के डेहरी-आन-सोन में सत्तर साल से तब के अकबरपुर-कोईलवर रोड के पश्चिम सिरे पर शहर के एक पुराने भवन के रूप में…
जय हिन्द : गुजरी 20वीं सदी में जंगेआजादी और अब 21वीं सदी की यात्रा का भी साक्षी
= डेहरी-आन-सोन : स्मृतियों का झरोखा = बिहार के सोन नद अंचल और सोन के तट पर बसे सबसे बड़े शहर डेहरी-आन-सोन का पहला सिनेमाघर है ‘जय हिन्दÓ, जो देश…
धरोहर : सौ साल से सांप्रदायिक समरसता की मिसाल बिहार का सिमरी गांव
बिहार में रोहतास जिला के सिमरी गांव के मुस्लिम हिन्दुओं के पर्व को और हिन्दू मुस्लिमों के पर्व को मिलजुल कर अपने-अपने पर्व की तरह मानते हैं। हिन्दू-मुस्लिम एकता का यह…
तीन नारे, जो आजादी के संघर्ष के अपने-अपने तरीके के लिए गढ़े गए
आज समाज के एक हिस्से का जोर वंदे मातरम् (नारा) पर है। जबकि देश के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान तीन प्रमुख नारों वंदे मातरम्, जयहिंद और इंकलाब जिंदाबाद का जन्म…
गांधी : बिहार में हुआ ‘महात्माÓ अवतार, किया आजीवन अधनंगा रहने का फैसला
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें जयंती वर्ष पर विशेष संयोजन गांधी : बिहार में हुआ ‘महात्माÓ अवतार, किया आजीवन अधनंगा रहने का फैसला प्रतिबिम्ब /कृष्ण किसलय सौ साल पहले…
गौतम बुद्ध से बहुत पहले का है वेदों की भाषा का कालखंड
भारत के सोन नदी अंचल (बिहार) केेंद्रित सोनमाटी मीडिया समूह के अग्रणी न्यूजपोर्टल सोनमाटीडाटकाम (sonemattee.com) पर सासाराम स्थित एसपीजैन कालेज के वरिष्ठ हिन्दी प्राध्यापक एवं भाषाविद प्रो. (डा.) राजेन्द्र प्रसाद…
हिरणों के इतिहास में शिकारियों की शौर्यगाथाएं आखिर क्यों?
लब्धप्रतिष्ठ भाषा वैज्ञानिक और साहित्य इतिहास लेखक प्रो. राजेन्द्र प्रसाद सिंह सासाराम (बिहार) स्थित शांति प्रसाद जैन महाविद्यालय में हिन्दी (भाषा विज्ञान) के वरिष्ठ प्राध्यापक हैं। भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृति-सभ्यता…
इसलिए याद किए जाएंगे अटल बिहारी वाजपेयी,
जब संसद में पहुंचकर वाजपेयी से मिली दाउदनगर (औरंगाबाद, बिहार) की विवेकानंद मिशन स्कूल की बाल टीम संघ के प्रचारक से प्रधानमंत्री तक का सफर, विरोधियों को साथ लेकर चलने…
ब्रिटिश राज के प्रथम विद्रोही
आंचलिक पत्रकारिता के क्षेत्र में ‘सोनमाटीÓ ने कई मीलस्तंभ कार्य किया है, जिनमें में से एक है ब्रिटिश राज का भारत में सबसे पहले विरोध करने वाले बिहार के विद्रोही…