माफिया : पहले खा गए करवंदिया पहाड़, अब गटक रहे सोन का बालू
-राजधानी पटना से जिले तक विभागों की मिलीभगत से सोन नदी से बालू की अवैध निकासी, खानापूर्ति के लिए दर्ज होती है एफआईआर -वर्चस्व की जंग की नई कहानी, एक…
भारतीय समाज पर सवाल बिहार की ‘वीराÓ
औरंगाबाद (बिहार)-सोनमाटी समाचार। ‘औरंगाबाद फिल्म फेस्टिवलÓ में बिहार, उड़ीसा, झारखंड, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश की प्रदर्शित लघु, फीचर, डाक्युमेन्ट्री व मोबाइल फिल्मों में ‘वीराÓ किन्नर समुदाय की हजारों सालों से…
चंद्रभूषण मणि और अनिल विभाकर सम्मानित
भोजपुरी फिल्मों के वरिष्ठ लेखक-निर्देशक चंद्रभूषण मणि को बिहार के औरंगाबाद फिल्म फेस्टिवल-2018 में लाइफ टाइम एचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जबकि गया में बिहार प्रदेश के मगही एवं हिंदी के…
विनम्र श्रद्धांजलि : मानवमेधा के अति दुर्लभ प्रतिनिधि प्रो.स्टीफेन हाकिंग
प्रोफेसर स्टीफेन हाकिंग विश्व का अप्रतीम गणितज्ञ, सौद्धांतिक भौतिक विज्ञान का 20वींसदी के सबसे बड़े वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के बाद दुनिया का सबसे बड़ा वैज्ञानिक। जिसने विश्व, ब्रहंड की सदियों…
बिहार : सियासी समीकरण में बदलाव का आगाज
(प्रतिंबिंब /राजनीतिक विश्लेषण -कृष्ण किसलय)। बिहार उपचुनाव के परिणाम का कई दृष्टियों से विश्लेषण होगा, जहां भाजपा और कांग्रेस के अलावा राजद और जदयू प्रमुख सियासी खिलाड़ी हैं। राजस्थान के…
19वीं सदी : जिन्हें काटना पड़ा अपना स्तन
इस पोस्ट की सामग्री पर पटना (बिहार) के वरिष्ठ अधिवक्ता विशाल रंजन दफ्तुआर ने 08 मार्च की शाम सोनमाटी मीडिया समूह के समूह संपादक से फोन 9708778136 पर लंबी वार्ता की…
अमेरिका के लिए बड़ा खतरा बनता उत्तर कोरिया
परमाणु मिसाइलों के लिए उत्तर कोरिया का बेरोक-टोक अभियान अमेरिका के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। अमेरिका की ओर से अधिकतम दबाव बनाने का अभियान चलाया जा रहा है,…
प्रलय आने में सिर्फ ‘दो मिनटÓ बाकी !
(संपादकीय/विचार : कृष्ण किसलय)। बिगड़ते पर्यावरण को लेकर 184 देशों के 16 हजार वैज्ञानिकों की संस्था पहले ही मानव जाति के नाम अपनी दूसरी चेतावनी जारी कर चुकी है। और अब,…
अनाम सिपाहियों का दस्तावेज : हमारे शिल्पकार
अनाम सिपाहियों का दस्तावेज : हमारे शिल्पकार हसपुरा(औरंगाबाद)। दुनिया के सामाजिक बदलाव का इतिहास बतलाता है कि बदलाव से उपजी हुवी ऊर्जा और उसका नेतृत्व समुह अपने इन अनाम नायकों को…
तिल-तिल मरने की दास्तां (अंतिम किस्त 13)
वाट्सएप पर प्रतिक्रिया : धारावाहिक तिल-तिल मरने की दास्तां बहुत सारगर्भित स्टोरी है, बहुत विस्तृत और शोधपूर्ण लेख है। यह आंख खोलने वाली समाचारकथा है। बधाई। मैंने भी जनसत्ता में…