Today Update

अंतराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन का 14वां अधिवेशन राजस्थान में

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी भाषा के उन्ननयन और विश्व के प्रमुख देशों में हिंदी रचनाकारों को समादृत करने के विशिष्ट उद्देश्य के लिए गठित अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन का १४वां अधिवेशन…

कलम की कूव्वत अब दिखेगी सोन नदी अंचल के डेहरी-आन-सोन में

सोन नदी के तट पर स्थित दाउदनगर (औरंगाबाद, बिहार) के शहरवासियों ने युवा पत्रकार उपेन्द्र कश्यप को सोन तट के सबसे बड़े शहर डेहरी-आन-सोन के लिए सम्मान के साथ विदा…

सऊदी अरब की महिलाएं झेल रहीं गैरबराबरी की यंत्रणा

दुनिया भर में होती रही है आलोचना, मगर अब मिलेगी ड्राइविंग की अनुमति सऊदी अरब दुनिया का एकमात्र मुल्क है, जहां पर महिलाओं के गाड़ी चलाने पर रोक है। जबकि…

साइबर क्राइम का केेंद्र झारखंड का गांव

दिल्ली पुलिस ने किया युवक को गिरफ्तार दिल्ली/डेहरी-आन-सोन (सोनमाटी समाचार)। झारखंड के एक गांव के बारे में यह माना जा रहा है कि देश में होने वाले साइबर क्राइम का…

कछुआ चाल से बढ़ रही ‘हर घर बिजली योजना

15 लाख का है लक्ष्य, 15 हजार ही दिए गए कनेक्शन पटना । मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट और राज्य सरकार के सात संकल्पों में शामिल ‘हर घर बिजली योजनाÓ अभी…

27 साल बाद कदवन जलाशय को स्वीकृति

सोन नहरों का होगा उद्धार, नौ जिलों को लाभ, 450 मेगावाट बिजली भी सासाराम, रोहतास (बिहार)। सरकारी फाइलों में 27 सालों से धूल फांक रही बिहार की एक महत्वाकांक्षी सिंचाई…

न्यूटन : भ्रष्ट तंत्र से जूझने की ईमानदारी

फिल्म रिव्यू व्यावसायिक फिल्मों के आज के दौर में कभी-कभी कुछ ऐसी फिल्में भी सामने आ जाती हैं, जो एकबारगी दर्शकों की चेतना को झिंझोड़ देती हैं। न्यूटन भी ऐसी…

रोहतास उद्योगसमूह में भुगतान की अंतिम तारीख 31 दिसंबर

कर्मचारी या आश्रित जरूरी कागजात जमा कर लाभांश प्राप्त करें : एआर वर्मा डालमियानगर (रोहतास)- सोनमाटी समाचार। हाई कोर्ट ने स्थानीय मृत रोहतास उद्योगसमूह के दो हजार से अधिक कर्मचारियों…

मोक्षभूमि बोधगया में स्थापित होगा टूरिज्म मैनेजमेंट सेंटर

केेंद्र ने दी बौद्ध सर्किट के लिए 250 करोड़ की मंजूरी गया (मुकेशकुमार सिन्हा)। केंद्र सरकार ने बौद्ध सर्किट के लिए दो सौ करोड़ रुपये स्वीकृत किए है, जिससे बोधगया…

सफाई की मुकम्मल व्यवस्था नहीं

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)। डेहरी-डालमियानगर नगर परिषद के वार्डों में न सफाई की और न ही रोशनी की मुकम्मल व्यवस्था है। नालियां दशकों से आज भी बजबजाती हुई नारकीय हालत में हैं…