विचार : सिर्फ अंकों से ही तय नहीं होती जिंदगी में सफलता की उड़ान (चंडीदत्त शुक्ल)/ कविता : कहो चीन! (अभिषेक अभ्यागत)
इस बार भी 10वीं-12वीं के परीक्षा-परिणाम आने के बाद बेहतर अंक लाने वाले विद्यार्थियों के परिवारों में खुशी तो अंक-पैमाना में पीछे रह गए विद्याथियों के घरों में थोड़ी मायूसी…
सोनमाटी (प्रिंट) का नया अंक बाजार में
सोनमाटीडाटकाम : देश-विदेश में हो रहा सर्चबिहार के सोन नद अंचल केेंद्रित ग्लोबल न्यूज-व्यूज वेबपोर्टल सोनमाटीडाटकाम देश-प्रदेश की राजधानी पटना, नई दिल्ली और अन्य प्रदेशों की राजधानियों रांची, भोपाल, लखनऊ,…
विचार : देश के काम आएगी एक फीसदी अमीरों की संपत्ति?/ बिहार में कोरोन मरीज 2400 के पार/ डालमिया नगर में चला राहत कार्य
-0 विचार/समाचार विश्लेषण 0-क्या देश के काम आएगी एक फीसदी अमीरों की संपत्ति?(कृष्ण किसलय, समूह संपादक, सोनमाटी) एक तरफ कोरोना संक्रमितों की संख्या भारत में लगातार बढ़ती जा रही है,…
कोरोना-काल : क्या कहते हैं चिकित्सक, शिक्षाविद / हुई टेलीमीटिंग, चलता रहेगा संकटमोचन / दो कविताएं भी
अस्थाई है कठिन परिस्थिति, कोरोना से महायुद्ध में विजयी होंगे हम : डा. मालिनी राय वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक और संवेदना न्यूरोसायकिट्रिक रिसर्च सेन्टर की प्रबंध निदेशक डा. मालिनी राय (डेहरी-आन-सोन, बिहार)…
कोरोना-काल : तीन कवियों की क्षणिका-त्रयी / आनलाइन कवि-सम्मलेन
कृष्ण किसलय, कृपा शंकर और लता प्रासर की क्षणिकाएं इस बार सोनमाटी के साहित्य स्तंभ सोन-धारा में प्रस्तुत है लघु कविताओं यानी क्षणिकाओं का यह संयोजन। वरिष्ठ रचनाकार कृपा शंकर…
विचार/समाचार विश्लेषण (कृष्ण किसलय) : कोरोना से जंग लड़ते हुए ही है जीना / लाकडाउन की ट्रेजडी
-: विचार/समाचार विश्लेषण :- कोरोना : जंग लड़ते हुए ही है जीना / लाकडाउन की ट्रेजडी०- कृष्ण किसलय -०(समूह संपादक, सोनमाटी मीडिया ग्रुप) अब तो महाआपदा से जंग लड़ते हुए…
आदमी के अतीत का आईना है धरोहर (कृष्ण किसलय की आकाशवाणी से प्रसारित रेडियो वार्ता)
आदमी की सक्रियता की धुरी पर हजारों सालों से घूमते-बदलते रहने वाले इतिहास-भूगोल के महत्वपूर्ण पक्ष-प्रश्न अज्ञात अंधेरे की तरह छिपे होते हैं, क्योंकि इतिहास-भूगोल विजेता के दृष्टिकोण और परिस्थिति,…
कोरोना महाआपदा : कृष्ण किसलय की लघुकथा ‘पहला उपदेश’ / कुमार बिन्दु की कविता ‘बहुत याद आ रहा…’/ फेसबुक पर लघुकथा सम्मेलन का प्रयोग
कोरोना महाआपदा के मौजूदा दौर में पूरी दुनिया घरों में कैद है। इस अभूतपूर्व नजरबंदी की वैश्विक परिस्थिति में प्रदेश, देश और विश्व भर के दैनिक कामगारों-स्वरोजगारों की बहुत बड़ी…
कोरोना संकट : पृथ्वी का ऐतिहासिक सर्वव्यापी भय / दो कविताएं : नदी और ध्वनि विलाप
यह अपूर्व संकट कि हर आदमी है दूसरे से डरा हुआ 0- कृष्ण किसलय -0 (समूह संपादक, सोनमाटी मीडिया समूह) पृथ्वी इस समय मानवीय स्मृति के उस अभूतपूर्व ऐतिहासिक अवधि…
कोराना : अभूतपूर्व संकट (विचार) / घर से बाहर निकलने वालों की गिरफ्तारी जारी, सांसद ने दिए एक करोड़ / डरा हुआ आदमी (कविता)
मानव सभ्यता के इतिहास का अभूतपूर्व संकट (विचार/कृष्ण किसलय, विज्ञान इतिहासकार ) पृथ्वी का यह संकट मानव सभ्यता के इतिहास का अभूतपूर्व संकट है। कोरोना वायरस जनित बीमारी कोविड-19 के…