पैसा लगाने से पहले
हरेक स्कीम की अलग-अलग खासियत हैं। इसलिए पैसा लगाने से पहले यह विचार करना चाहिए कि किस जरूरत के लिए निवेश किया जा रहा है? 1. पब्लिक प्रविडेंट फंड ब्याज…
इन आंचलिक प्रतिभापुत्रियों को सैल्यूट
डालमियानगर/सासाराम,बिहार (कुमार अरुण गुप्त)। ग्रामीण अंचलों की बेटियां विभिन्न प्रतियोगिताओं में स्थान बनाकर यह बताने लगी हैं कि वे बेटों से कम नहींहैं। इसीलिए कभी पिछड़े समझे जाने वाले बिहार…
इसलिए है जनतंत्र के चौथे खंभे की हैसियत में पत्रकारिता
कृष्ण किसलय सहित पांच वरिष्ठ पत्रकार सम्मानित केेंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और बिहार के कृषि मंत्री डा. प्रेम कुमार ने प्रेस क्लब में प्रदान किया सम्मान डेहरी-आन-सोन, बिहार (निशांत राज)।…
सवाल : कैसे मिलेगी मुनिया को जमीन?
खाते में पैसे आने के बावजूद नहीं बना इन्दिरा आवास बिहार के औरंगाबाद जिले के हसपुरा प्रखंड अंतर्गत रतनपुर ग्राम की विधवा मुनिया देवी के लिए इंदिरा आवास बनाने की…
प्रियंका को विश्वविद्यालय का आमंत्रण
डालमियानगर की प्रियंका गौतम हैं रांची यूनिवर्सिटी की गोल्ड मेडलिस्ट डालमियानगर, रोहतास (बिहार) -सोनमाटी समाचार। प्रियंका गौतम को रांची विश्वविद्यालय ने पढ़ाने का आमंत्रण दिया है। प्रियंका राची विश्वविद्यालय की…
रक्तदान इसलिए है महादान
खून : पृथ्वी की सर्वाधिक मूल्यवान वस्तु रक्त पृथ्वी के समस्त पदार्थो में सबसे अधिक मूल्यवान है, क्योकि किसी भी प्रयोगशाला में इसकी प्रतिकृति नहीं बनाई जा सकी है। इसीलिए…
समाप्त हो गईं डालमियानगर की समृद्ध सांस्कृतिक गतिविधियां
डालमियानगर (बिहार)-सोनमाटी समाचार। एक ओर जहां बहुसंख्यक-अल्पसंख्यक के राजनीतिक खांचे में बांट दिए गए विविधतापूर्ण भारतीय समाज में धार्मिक सहिष्णुता के बजाय तनाव-टकराव की आशंका में लगातार वृद्धि होती हुई…
…और नहीं निकला मुहर्रम का जुलूस
ऐसा हुआ पहली बार, उठे कई सवाल, प्रशासन पर पक्षपात का आरोप , दुर्गा पूजा व मुहर्रम साथ-साथ पटना/डेहरी-आन-सोन (निशांत राज/वारिस अली/कुमार अरुण गुप्ता)। बिहार में दो-तीन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के…
बिहार के हसपुरा में भी लिया गया संकल्प
गांधी जयंती के अवसर पर बिहार में बाल विवाह और दहेज के खिलाफ शुरू किए गए अभियान के तहत सोन अंचल के औरंगाबाद जिला अंतर्गत हसपुरा प्रखण्ड कार्यालय के प्रांगण…
गांधी : बिहार में हुआ महात्मा अवतार
डेहरी-आन-सोन, रोहतास, बिहार (कृष्ण किसलय)। सौ साल पहले 1917 में बैरिस्टर मोहनदास करमचंद गांधी ने ‘महात्मा’ के रूप में बिहार में ही ‘अवतार’ लिया था। चंपारण (बिहार) में नील की…