पिछली बार तो जमानत जब्त, इस बार जीतेंगे महाबलि ?

-कृष्ण किसलय- बिहार में काराकाट लोकसभा क्षेत्र से 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद जमानत गंवा देने वाले जदयू प्रत्याशी पूर्व सांसद महाबलि सिंह क्या इस बार…

सजायाफ्ता की विरासत पर बटन दबाने का सवाल !

 डेहरी-आन-सोन (बिहार)-विशेष प्रतिनिधि। बिहार के बहुचर्चित अलकतरा घोटाला में सजा मिलने पर पूर्व मंत्री इलियास हुसैन की विधानसभा की सदस्यता खत्म होने के कारण डिहरी विधानसभा क्षेत्र में हो रहे…

उम्मीदवारी : सियासत के समंदर में तैरकर निकल आए सत्यनारायण, अब जीत के लिए जम्हूरियत की जंग की तैयारी !

—0 त्वरित टिप्पणी 0— -कृष्ण किसलय, समूह संपादक. सोनमाटी मीडिया ग्रुप अंतत: महीनों के मंथन के बाद इन्तजार खत्म हुआ और सियासत के समन्दर में तैरकर सत्यनारायण सिंह यादव किनारे…

जिज्ञासा : पृथ्वी पर क्या सचमुच दस्तक दे चुके हैं दूसरे ग्रहवासी एलियन !

विज्ञान लेखक : कृष्ण किसलय (समूह संपादक सोनमाटी मीडिया ग्रुप) क्या सचमुच सुदूर अंतरिक्ष से अपनी आकाशगंगा या किसी दूसरी आकाशगंगा के ग्रहवासी (एलियन) पृथ्वी तक दस्तक दे चुके हैं?…

अतिथि कलम/फिल्म निर्माता-निर्देशक-अभिनेत्री आरती भट्टाचार्य : हवेली का वह हादसा महज वहम था या कुछ और…!

भोजपुरी, हिंदी, बंगला की प्रतिष्ठित फिल्म निर्माता-निर्देशक-अभिनेत्री आरती भट्टाचार्य ने ‘नवाब सिराजुद्दौलाÓ की शूटिंग के दौरान विचित्र अनुभव किया था, जो बतौर आपबीती संस्मरण प्रस्तुत है। इनकी भोजपुरी फिल्म ‘हमार…

उपचुनाव : कौन बनेगा डिहरी विधानसभा क्षेत्र का महारथी ?

डेहरी-आन-सोन (रोहतास, बिहार)-विशेष प्रतिनिधि। बिहार के पूर्व पथ निर्माण मंत्री, डिहरी के विधायक इलियास हुसैन के चुनाव लडऩे से अयोग्य होने के बाद इस विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में महारथी…

बिहार : गठबंधन के राजनीतिक परिदृश्य में निर्णायक कौन?

–समाचार विश्लेषण/कृष्ण किसलय– लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दृष्टिकोण से 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश के बाद 40 सीटों वाले बिहार का ज्यादा रणनीतिक महत्व है। बिहार में अपने दम-खम पर…

लोकतंत्र का महासमर : फोन पर होगा फैसला, बनेगा चुनावी खर्च का वल्र्ड-रिकार्ड !

–समाचार विश्लेषण/कृष्ण किसलय– 17वीं लोकसभा की 543 सीटों के लिए चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में होगा। देश के मतदाता सोच-समझ कर ही फैसला लेंगे, क्योंकि…

क्यों जरूरी है किसी भी मातृभाषा, लोकभाषा का व्यवहार में बना रहना ?

हर भाषा अपने समाज, अपने समय के साथ गुजरे हुए समय की व्यवहार-परंपरा, संस्कृति का इतिहास-कोष, विरासत होती है। उसके ठेठ शब्द भूतकाल के समाज, परिस्थिति की पहचान के साथ…

सोन घाटी में इतिहास का सफर : नागवंशियों के रोहतागढ़ से मुगलवंशियों के ताजमहल तक

वाट्सएप पर झारखंड के अध्यापक, लेखक और स्थानीय इतिहास के अन्वेषणकर्ता अंगद किशोर (जपला, हुसैनाबाद) ने टिप्पणी की है- बहुत सुन्दर आलेख।इनकी टिप्पणी के बाद याद आ गया दो दशक…