बिंदेश्वर पाठक जी की स्मृति में
-0 आलेख 0-बिंदेश्वर जी ने स्वच्छता के विचार को, एक बहुत ही इनोवेटिव तरीके से एक संस्था का रूप दिया। सुलभ इंटरनेशनल के माध्यम से उन्होंने एक ऐसा आर्थिक मॉडल…
सादगी और मृदुभाषी स्वभाव के थे मदन दास देवी जी
-0 आलेख 0-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारक मदन दास देवी जी सर्वोत्कृष्ट संगठनकर्ता थे। उनसे जो सीख मिली है और उनके आदर्श रहे हैं, हमारी आगे की यात्रा…
न्यूज चैनल : जितनी बड़ी गाली, उतना बड़ा एक्सपर्ट
गद्दार, राष्ट्रविरोधी, देश का दुश्मन, दोगला, नापाक, हरामखोर, पाकपरस्त, नमकहराम, कमीना, दरिंदा…..। अगर आप ने बचपन में सुनी गालियों का पाठ याद नहीं रखा है तो एक मौका सामने है।…
कृष्ण किसलय जीः आप बहुत याद आएंगे,दूसरी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि
आज कृष्ण किसलय का दूसरी पुण्यतिथि हैं। आज ही के दिन वर्ष 2021को वह हम सबको छोड़ कर चले गए थे। यह आलेख उनकी यादों में समर्पित करते हुए 2022…
एक ही विषय में बार-बार नेट पास करना- दूसरों के हक पर डाका !
एक ही विषय में बार-बार नेट पास करना- दूसरों के हक पर डाका ! सुशील उपाध्याय (9997998050) यूजीसी नेट का रिजल्ट घोषित होने के बाद मीडिया माध्यमों में कुछ ऐसे…
पुस्तक समीक्षा : गंवई और जनवादी चेतना का स्वर है कुमार बिंदु की कविता संग्रह ‘साझे का संसार’
जन कवि कुमार बिंदु बिंबों के सहारे मजदूर-किसान की कहानी का कविता में लंबा वितान रचते हैं। आमजन की तरफ़दारी और संघर्षों को कविता का विषय बनाना इनकी कला की…
तनाव मुक्त परीक्षा: प्रणाली और मानसिकता दोनों में बदलाव जरूरी
आलेख-तनाव मुक्त परीक्षा: प्रणाली और मानसिकता दोनों में बदलाव जरूरी– प्रो. ब्रजेश पति त्रिपाठीविभागाध्यक्ष (अर्थशास्त्र),पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर ‘परीक्षा पर चर्चा, कार्यक्रम में परीक्षार्थियों शिक्षकों…
अब कभी नहीं पुनर्जीवित होंगी मढ़ौरा की औद्योगिक इकाईयां
मढ़ौरा में बंद औद्योगिक इकाइयों को खोलने को लेकर राज्य सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं है। बंद पड़ी चीनी मिल में किसानों का करोड़ों रुपया बकाया है। जिसको लेकर…
आधुनिक परिप्रेक्ष्य में गुरु-शिष्य-परंपरा की विरासत
-अंगद किशोरइतिहासकार, शिक्षक एवं अध्यक्ष सोन घाटी पुरातत्व परिषद, जपला पलामू भारत में गुरु-शिष्य-परम्परा की समृद्ध विरासत प्राचीन काल से चली आ रही है। गुरु के प्रति श्रद्धा तथा शिष्य…
अखिलेंद्र मिश्रा ने की “स्वामी विवेकानंद का पुनर्पाठ” की प्रस्तुति
भारत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि रही पाटलिपुत्र के गांधी मैदान स्थित ज्ञान भवन में विश्व साहित्य का हिन्दी रंगमंच तब जीवंत हो उठा जब हजारों की संख्या में दर्शकों से भरे…