समाज ने क्या दिया : 20वींसदी के आठवें-नौवें दशक में आंचलिक रंगमंच का चर्चित नाटक

समर्पण : ‘समाज ने क्या दियाÓ के प्रथम संस्करण (1977) को इसके लेखक (कृष्ण किसलय) ने सोनमाटी-प्रेस (प्रिंटिंग मशीन) के संस्थापक (स्व. बिन्देश्वरी प्रसाद सिन्हा) को समर्पित किया था। सोनमाटी-प्रेस…

सत्तर सालों में क्या बन पाया मुकम्मल गणतंत्र ?

हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष होने की बात पर जोर देता है और ऐसे समाज के निर्माण की बात करता हैं, जिसमें सभी समान हों, सबको अपना हक मिले। मगर समाज कभी…

सवाल : हमसे स्कूल दूर या हम ही स्कूल से बाहर?

दिल्ली से सोनमाटी मीडिया समूह के प्रिंट एडीशन सोनमाटी और ग्लोबल न्यूज-व्यूज पोर्टल सोनमाटीडाटकाम के लिए बाल शिक्षण प्रविधि विशेषज्ञ और शिक्षा विषयों के लेखक कौशलेन्द्र प्रपन्न का लेख  …

कि गालिब को याद करके गा सकूं…

वरिष्ठ कवयित्री सरला माहेश्वरी का छठवां काव्य संग्रह पिछले दिनों प्रकाशित हुआ है। कवि-पत्रकार मनोज कुमार झा ने इस पुस्तक की सोनमाटीडाटकाम के पाठकों-दर्शकों के लिए वैचारिक टिप्पणी के साथ…

रंगयात्रा : डालमियानगर में अंगूर की बेटी, पैसा बोलता है से समाज ने क्या दिया तक

आज की हिन्दी की प्रख्यात उपन्यासकार, नाटककार, कहानीकार एवं रंगकर्मी मृदुला गर्ग दिल्ली विश्वविद्यालय में तीन सालों तक पढ़ाने के बाद बिहार के विश्वप्रसिद्ध सोन नद तट पर स्थित डालमियानगर…

सोनमाटी मीडिया समूह का प्रिंट एडीशन (सोनमाटी) का नया अंक बाजार में

1. संक्षिप्त संपादकीय : सर्वनाश-संकट (संपादक की कलम से) इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस संधि से अमेरिका के हटने और नए परमाणु हथियार बनाने की घोषणा से दुनिया एक बार फिर…

जिजीविषा : अम्मा कार्थियायनी ने पाया 96 साल में अक्षरज्ञान

भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मेरठ (पश्चिम उत्तर प्रदेश) से सोनमाटीडाटकाम के लिए वरिष्ठ पत्रकार ललित दुबे की प्रस्तुति भारतीय जिजीविषा, जीवटता का अप्रतिम उदाहरण हैं कार्थियायनी, जिन्होंने 96 साल…

अम्बष्ट : महान राजवंश के योद्धा मौर्य सम्राट चंद्रगुप्त के समय बिहार (मगध) आए

 संख्या बल में बहुत कम होने के कारण देश की आजादी अर्थात जनतंत्र में चुनिंदा नहीं रह जाने के कारण कायस्थ राजनीतिक ताकत में बेहद कमजोर हो गए। समाज के…

सोन घाटी : जहां सबसे पहले हुई सामूहिक छठ-व्रत की शुरुआत

डेहरी-आन-सोन (बिहार)-कृष्ण किसलय। भारत के तीन नदों में से एक सोन की पर्वत उपत्यका वाली घाटी (बिहार-झारखंड के रोहतास-औरंगाबाद-पलामू) दुनिया की वह जगह है, जहां सबसे पहले छठ-व्रत की सामूहिक…

चीन का चांद : जिसकी चांदनी से रौशन होंगी उसकी सड़केें और गलियां

दिल्ली से सोनमाटीडाटकाम के लिए प्रदीप कुमार, विज्ञान लेखक धरती-चांद की सृष्टि होने के समय से ही सूरज की प्रचंड किरणों को सोखकर चांद उसे शीतलता में बदलकर दूधिया चांदनी…

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