लघुकथा लेखन संक्षिप्तता का संयोजन नहीं बल्कि एक साधना है : सुनीता मिश्रा    

  पटना (सोनमाटी समाचार नेटवर्क)। कौन कहता है लघुकथा का विकास नहीं हो रहा ? लघुकथा में नित्य नए प्रयोग हो रहे हैं, यह संकेत मिलता है आज के कई समकालीन…

सुकून,शांति,आनंद और सरसता का एहसास है :संगीत

पटना (सोनमाटी समाचार नेटवर्क)। फेसबुक पर अवसर साहित्यधर्मी पत्रिका के पेज पर आनलाइन हेलो फेसबुक पर संगीत सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुरारी मधुकर  ने कहा…

साहित्यिक गोष्ठियां सांस्कृतिक चेतना जगाने में महत्वपूर्ण

पटना (सोनमाटी समाचार नेटवर्क)। भारतीय युवा साहित्यकार परिषद (पटना) के तत्वावधान में वरीय साहित्यकार एवं चित्रकार सिद्धेश्वर प्रसाद के आवास ‘सिद्धेश्वर सदन’ में एक सारगर्भित काव्य संध्या का आयोजन किया…

संकट में पत्रकार

विस्तृत और प्रामाणिक अध्ययन की जरूरत। पत्रकार कितने भी समर्थ हों और मीडिया कितना भी जागरूक हो, लेकिन वह इस प्रश्न तक का उत्तर नहीं दे पा रहा कि भारत…

(प्रसंगवश/कृष्ण किसलय) : इस उपद्रव की स्वीकृति नहीं, मगर इस कृत्य की पड़ताल भी जरूरी

-0 प्रसंगवश 0-इस उपद्रव की स्वीकृति नहीं, मगर इस कृत्य की पड़ताल भी जरूरी-कृष्ण किसलय (संपादक : सोनमाटी) जरा कल्पना करें कि किसी शहर के अति व्यस्त प्रमुख सड़क पर…

(प्रसंगवश/कृष्ण किसलय) : रेणु को जन्मशती वर्ष पर नई पीढ़ी आखिर क्यों याद करे?

-0 प्रसंगवश 0–रेणु को जन्मशती वर्ष पर नई पीढ़ी आखिर क्यों याद करे?-कृष्ण किसलय (संपादक, सोनमाटी) फणीश्वरनाथ रेणु की जन्मशती वर्ष पर भारत की नई पीढ़ी आखिर उन्हें क्यों याद…

(प्रसंगवश/कृष्ण किसलय) : उपेन्द्र कुशवाहा ने अंतत: मान लिया नीतीश कुमार का नेतृत्व

-0 प्रसंगवश 0-उपेन्द्र कुशवाहा ने अंतत: मान लिया नीतीश कुमार का नेतृत्व-कृष्ण किसलय (संपादक, सोनमाटी) क्षेत्रीय राजनीतिक दल रालोसपा बनाकर पिछले आठ सालों से बिहार और फिर केेंद्र में भी…

(प्रसंगवश/कृष्ण किसलय) : अंधविश्वास से मुक्ति दिलाने में विज्ञान की सर्वोच्च भूमिका

-0 प्रसंगवश 0-अंधविश्वास से मुक्ति दिलाने में विज्ञान की सर्वोच्च भूमिका-कृष्ण किसलय (संपादक, सोनघाटी) तीन साल पहले वर्ष 2019 में नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया ने मेरी (कृष्ण किसलय) की विज्ञान…

(प्रसंगवश/कृष्ण किसलय) : ‘समय-सापेक्ष सरोकार ही कविता की सामाजिक प्रासंगिकता है’

-0 प्रसंगवश 0-‘समय-सापेक्ष सरोकार ही कविता की सामाजिक प्रासंगिकता है’-कृष्ण किसलय (संपादक : सोनमाटी) विश्व हिन्दी दिवस पर भारतीय युवा साहित्य परिषद, पटना (संचालक, संयोजक : सिद्धेश्वर) की ओर से…

(प्रसंगवश/कृष्ण किसलय) : आंदोलनकारियों की मौसम से सुरक्षा सरकारी जवाबदेही/ ठंड का चेहरा हुआ कठोर/ हुई भगवान की प्राचीन भूमि की पुष्टि

-० प्रसंगवश ०-हल जो निकले, किसानों की मौसम से सुरक्षा सरकार की जवाबदेही-कृष्ण किसलय (संपादक, सोनमाटी) देश की राजधानी दिल्ली के बार्डर पर कृषि बिल के खिलाफ किसानों के जारी…

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