प्रेमचंद जयंती पर संगोष्ठी आयोजित, साहित्यकार हुए सम्मानित

सुलतानपुर (उत्तर प्रदेश)-सोनमाटी प्रतिनिधि।  प्रेमचंद गहरी मानवतावादी दृष्टि के सम्मानित साहित्यकार थे। उनकी कहानियां और उपन्यास लोकजीवन के जीवन्त दस्तावेज हैं। साहित्यकार सुरेश चन्द्र शर्मा ने यह बातें अखिल भारतीय…

दिवंगत पत्रकार कृष्ण किसलय याद किए जाते रहेंगे

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। पत्रकारिता के क्षेत्र में निष्पक्ष और निडरता पूर्वक समाचारों को प्रेषित और प्रकाशन करने को लेकर दिवंगत पत्रकार कृष्ण किसलय याद किए जाते रहेंगे। छोटे से शहर…

कृष्ण किसलय जीः आप बहुत याद आएंगे,दूसरी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि

आज कृष्ण किसलय का दूसरी पुण्यतिथि हैं। आज ही के दिन वर्ष 2021को वह हम सबको छोड़ कर चले गए थे। यह आलेख उनकी यादों में समर्पित करते हुए 2022…

प्रथम पुण्यतिथि पर याद किये गए कृष्ण किसलय

‘कृष्ण किसलय स्मृति अंक’ सोनमाटी का विमोचन डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। अपनी लेखन के जरिए पत्रकारिता जगत में विशिष्ट योगदान देने वाले डेहरी के वरीय पत्रकार कृष्ण किसलय की प्रथम पुण्यतिथि…

साहित्यिक गोष्ठियां सांस्कृतिक चेतना जगाने में महत्वपूर्ण

पटना (सोनमाटी समाचार नेटवर्क)। भारतीय युवा साहित्यकार परिषद (पटना) के तत्वावधान में वरीय साहित्यकार एवं चित्रकार सिद्धेश्वर प्रसाद के आवास ‘सिद्धेश्वर सदन’ में एक सारगर्भित काव्य संध्या का आयोजन किया…

सोनमाटी (प्रिंट) का नया अंक (विशेष) बाजार में

भारत में विश्वविश्रुत सोन नद तट के सबसे बड़े शहर डेहरी-आन-सोन (जिला रोहतास, बिहार राज्य) से प्रकाशित समाचार-विचार पत्रसोनमाटी(वर्ष 1979 में स्थापित चार दशक पुराना हिन्दी का एक सर्वश्रेष्ठ लघु…

अतिथि कलम/फिल्म निर्माता-निर्देशक-अभिनेत्री आरती भट्टाचार्य : हवेली का वह हादसा महज वहम था या कुछ और…!

भोजपुरी, हिंदी, बंगला की प्रतिष्ठित फिल्म निर्माता-निर्देशक-अभिनेत्री आरती भट्टाचार्य ने ‘नवाब सिराजुद्दौलाÓ की शूटिंग के दौरान विचित्र अनुभव किया था, जो बतौर आपबीती संस्मरण प्रस्तुत है। इनकी भोजपुरी फिल्म ‘हमार…

समाज ने क्या दिया : 20वींसदी के आठवें-नौवें दशक में आंचलिक रंगमंच का चर्चित नाटक

समर्पण : ‘समाज ने क्या दियाÓ के प्रथम संस्करण (1977) को इसके लेखक (कृष्ण किसलय) ने सोनमाटी-प्रेस (प्रिंटिंग मशीन) के संस्थापक (स्व. बिन्देश्वरी प्रसाद सिन्हा) को समर्पित किया था। सोनमाटी-प्रेस…

जयहिन्द : प्रधानमंत्री नहीं आएं, इसके लिए लगाया गया था पूरा जोर !

बिहार में सोन नद पर बसे इस नदी तट के सबसे बड़े शहर डेहरी-आन-सोन के अपनी व्यवस्था व खूबसूरती के लिए प्रदेश के सिनेमाघरों में प्रसिद्ध रहे जयहिन्द के परिसर…

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