प्राथमिक शिक्षा में गुणवत्ता का समायोजन बड़ी चुनौती

कई राज्यों में प्राथमिक स्तर पर बुनियादी कौशल में बच्चे तय स्तर से नीचे पाए गए हैं। यह स्थिति एक दशक से ज़्यादा समय से सरकारों के संज्ञान में भी…

इसलिए याद किए जाएंगे अटल बिहारी वाजपेयी,

जब संसद में पहुंचकर वाजपेयी से मिली दाउदनगर (औरंगाबाद, बिहार) की विवेकानंद मिशन स्कूल की बाल टीम संघ के प्रचारक से प्रधानमंत्री तक का सफर, विरोधियों को साथ लेकर चलने…

पाठकीय प्रतिबद्धता पर निर्भर लेखक की रचना के अर्थ की डी-कोडिंग

भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक और नोबेल पुरस्कार विजेता  वीएस नायपॉल का 12 अगस्त को निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। उनका पूरा नाम विद्याधर सूरजप्रसाद नायपॉल था।नायपॉल…

38 साल पहले : धरोहर है सोनमाटी का बहुचर्चित प्रेमचंद जन्मशती विशेषांक

38 साल पहले हिन्दी कथासम्राट के विशेषण से भूषित महान उपन्यासकार-कहानीकार-पत्रकार प्रेमचंद की जन्मशती वर्ष के अवसर पर भारत के विश्वविश्रुत और अत्यंत ऐतिहासिक सोन नद अंचल के प्रतिनिधि समाचार-विचार…

कविता के कलमकार : कृष्ण किसलय, मनोज मित्र, कुमार बिंदु, चितरंजन भारती, मिथिलेश दीपक

उन्होंने लिखा था ———————- ….सोनमाटी में स्व. प्रेमचंद के व्यक्तित्व और साहित्य पर बहुत महत्वपूर्ण सामग्री संकलित हुई है। अभी तक माटी से ही ‘किसलयÓ उत्पन्न होता था। अब कृष्ण…

भ्रष्ट कांग्रेसी नेता को जेल भेजने पर छीन लिया गया गृह मंत्रालय

जन्म दिन 4 जुलाई पर स्मृति विशेष  ———————————- गुलजारीलाल नंदा की पुण्यतिथि पर उनकेसंतमय जीवन और आदर्शपूर्ण राजनीति के बारे में जानकारी देते हुए वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र किशोर (पटना, बिहार) ने…

आरक्षण से दरकिनार दलित मुसलमान, नैतिक शिक्षा की अनिवार्यता

यहां प्रस्तुत पहले लेख में बेताब अहमद ने सवाल उठाया है कि जब भारत के संविधान में धर्म के आधार पर भेदभाव करने की बात नहींहै, तब फिर दलित मुसलमानों…

विदेशी कहानियां जो दुर्लभ हैं

     समीक्षा       विदेशी कहानियां जो दुर्लभ हैं ——————————————————— साहित्यकार-समीक्षक वीणा भाटिया ने कुछ दुर्लभ विदेशी कहानियों का संकलन किया है। इस संग्रह में सभी लेखकों का संक्षिप्त परिचय भी दिया…

काबुलीवाला के तर्ज पर बायस्कोपवाला

फिल्म रिव्यू हालांकि इस फिल्म की कहानी नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर की कहानी काबुलीवाला से मिलती-जुलती है, पर यह पटकथा से हिसाब से कहींसे भी काबुलीवाला नहीं है। इसे…

हम भी हैं इंसान !

आज लोगों की दुनिया फेसबुक की डिजिटल दुनिया में लाइक और गपशप जैसे फालूत कॉमेन्ट करने तक सिमट चुकी हैं। हम वास्तविकता से कोसों दूर हैं। आज इस हालत पर…

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