ये जिंदगी की मुर्दा कतारें

पुस्तक समीक्षा   कविता की सार्थकता युगीन यथार्थ को सामने लाने में है, युग की नब्ज को पकडऩे में है और पाठकों की संवेदना को जगाने में है। सरला माहेश्वरी…

लीक से हटकर बनीं फिल्में

व्यावसायिकता के दौर में भी बॉलीवुड में सार्थक फिल्में बनती हैं। मसाला फिल्मों से अलग सामाजिक संदेश देने वाली ये फिल्में सफल भी साबित हुई हैं। इस साल रिलीज हुई…

बदलते वक़्त का भैरंट

पुस्तक-समीक्षा ‘बातें बेमतलब’ युवा व्यंग्यकार अनुज खरे का तीसरा व्यंग्य संग्रह है। इनके ‘परम श्रद्धेय मैं खुद’ और ‘चिल्लर चिंतन’ संग्रह चर्चित हो चुके हैं। व्यंग्य के अलावा अनुज खरे…

झूठ के पांव नहीं होते

गुजरात विधानसभा के चुनाव  9 तथा 14 दिसम्बर 2017 को दो चरणों में सम्पन्न होंगे। पहले चरण का धुआंधार चुनावी प्रचार अभियान  7 दिसम्बर की शाम थम गया। 9 दिसंबर को…

कैमूर पर खड़ा फिर यक्ष प्रश्न

क्या कैमूर फिर करवट बदलने लगा है और बिहार सहित चार राज्यों को जोडऩे वाले कैमूर पर्वत पर नक्सली गतिविधियां फिर वापस लौटेंगी? क्या सचमुच हथियार हाथ में आने के…

आधुनिक हिंदी के निर्माता

स्मृति दिवस (11 नवम्बर ) के मौके पर  आधुनिक हिन्दी के निर्माता आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी बारे में  साहित्यकार द्वय  वीणा भाटिया व मनोज कुमार झा का सोनमाटी के लिए विशेष आलेख आधुनिक हिन्दी का जनक…

सोनामाटी : अंचल विशेष के साथ देश-समाज से सरोकार का रोमांचक आख्यान

आंचलिकता ऐतिहासिक चेतना से प्रतिफलित होती है। अंचल शब्द का अर्थ किसी ऐसे भूखंड, प्रांत या क्षेत्र विशेष है, जिसकी अपनी विशेष भौगोलिक स्थिति, संस्कृति, लोकजीवन, भाषा व समस्याएं हों।…

समय से मुठभेड़

जन्मदिन विशेष प्रसिद्ध जनकवि व शायर अदम गोंडवी का मूल नाम रामनाथ सिंह  है। जन्म- 22 अक्तूबर 1947,  आटा ग्राम, परसपुर, गोंडा (उत्तर प्रदेश) । प्रमुख कविता संग्रह –  धरती की सतह पर और…

पुस्तक समीक्षा.. महिला संघर्ष का नया सौंदर्यशास्त्र

‘आओ आज हम गले लग जाएं’ सरला माहेश्वरी का चौथा कविता संग्रह है। इसके पहले ‘आसमान के घर की खुली खिड़कियां’, ‘तुम्हें सोने नहीं देगी’ और ‘लिखने दो’ संग्रह काफी…

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एक दिवस प्रशिक्षण कार्यक्रम सह पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
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डब्ल्यूजेएआई के पांचवें संवाद कार्यक्रम में पत्रकारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व उसकी क़ानूनी सीमाएं पर चर्चा