पाठकीय प्रतिबद्धता पर निर्भर लेखक की रचना के अर्थ की डी-कोडिंग
भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक और नोबेल पुरस्कार विजेता वीएस नायपॉल का 12 अगस्त को निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। उनका पूरा नाम विद्याधर सूरजप्रसाद नायपॉल था।नायपॉल…
हम भी हैं इंसान !
आज लोगों की दुनिया फेसबुक की डिजिटल दुनिया में लाइक और गपशप जैसे फालूत कॉमेन्ट करने तक सिमट चुकी हैं। हम वास्तविकता से कोसों दूर हैं। आज इस हालत पर…
उपद्रव से आहत-मर्माहत संपूर्ण समाज, अब संयम की अग्निपरीक्षा का समय
औरंगबाद (बिहार)-सोनमाटी समाचार। चंद उपद्रवियों के कारण संपूर्ण समाज आहत-मर्माहत है। देश-दुनिया का हर सभ्य समाज चिंतित है। औरंगाबाद जिला मुख्यालय में रामनवमी के अवसर पर जो उपद्रव हुआ, उसका…
19वीं सदी : जिन्हें काटना पड़ा अपना स्तन
इस पोस्ट की सामग्री पर पटना (बिहार) के वरिष्ठ अधिवक्ता विशाल रंजन दफ्तुआर ने 08 मार्च की शाम सोनमाटी मीडिया समूह के समूह संपादक से फोन 9708778136 पर लंबी वार्ता की…
अमेरिका के लिए बड़ा खतरा बनता उत्तर कोरिया
परमाणु मिसाइलों के लिए उत्तर कोरिया का बेरोक-टोक अभियान अमेरिका के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। अमेरिका की ओर से अधिकतम दबाव बनाने का अभियान चलाया जा रहा है,…
और समय लिखेगा इतिहास…
और समय लिखेगा इतिहास : बिहार के तीन वरिष्ठ पत्रकारों सुरेन्द्र किशोर, गुंजन सिन्हा और अनिल विभाकर के फेसबुक वाल पर पोस्ट की गई सामग्री यहां सोनमाटी के पाठकों के…
ये जिंदगी की मुर्दा कतारें
पुस्तक समीक्षा कविता की सार्थकता युगीन यथार्थ को सामने लाने में है, युग की नब्ज को पकडऩे में है और पाठकों की संवेदना को जगाने में है। सरला माहेश्वरी…
1. बीसवीं सदी में सोनघाटी की रंगयात्रा (किस्त-1)
-वर्तमान बहुचर्चित सांस्कृतिक संस्था अकस (अभिनव कला संगम) का आरंभिक नाम था कला संगम -1988 में ठाकुर कुंजविहारी सिन्हा की अध्यक्षता में हुआ था कला संगम का अनौपचारिक गठन -रोहतास…
बदलते वक़्त का भैरंट
पुस्तक-समीक्षा ‘बातें बेमतलब’ युवा व्यंग्यकार अनुज खरे का तीसरा व्यंग्य संग्रह है। इनके ‘परम श्रद्धेय मैं खुद’ और ‘चिल्लर चिंतन’ संग्रह चर्चित हो चुके हैं। व्यंग्य के अलावा अनुज खरे…
कैमूर पर खड़ा फिर यक्ष प्रश्न
क्या कैमूर फिर करवट बदलने लगा है और बिहार सहित चार राज्यों को जोडऩे वाले कैमूर पर्वत पर नक्सली गतिविधियां फिर वापस लौटेंगी? क्या सचमुच हथियार हाथ में आने के…