संगोष्ठी : दोतरफा चुनौतियों के दबाव में हिंदी पत्रकारिता

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। न्यू मीडिया ने स्थापित मीडिया के सामने नई चुनौती ही नहीं पेश की है बल्कि परिवर्तन की नई लकीर भी खींच दी है। जाहिर है कि हिंदी…

लालच से बचिए, अपना विधाता बनिए

-कृष्ण किसलय- भारत मेंं पांच साल के अंतराल पर होने वाला चुनाव लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। मगर यह इतना अधिक खर्चीला और पेंचीदा हो गया है कि इसमें…

समाचार-विचार पत्र सोनमाटी (प्रिंट एडीशन) का नया अंक बाजार में

भारत के विश्वविश्रुत सोन नद अंचल (डेहरी-आन-सोन, बिहार) केंद्रित समाचार-विचार पत्र सोनमाटी प्रिंट एडीशन का नया अंक बाजार में 1. संक्षिप्त संपादकीय (संपादक की कलम से) : संपादकीय : दलीय…

भारत के विश्वविश्रुत सोन नद अंचल (बिहार) केंद्रित समाचार-विचार पत्र (प्रिंट) सोनमाटी का नया अंक बाजार में

1. संक्षिप्त संपादकीय (संपादक की कलम से) : डर युद्ध का ! चूंकि पाकिस्तान परंपरागत युद्ध में भारत के सामने कहीं नहीं टिकता है, इसलिए परमाणु हथियारों के नियंत्रण वाले…

चुनाव : काराकाट में उतरेंगी ज्योति और स्नेह की भी नजर, समीक्षा : एनबीटी से कृष्ण किसलय की पुस्तक

पटना/ डेहरी-आन-सोन (बिहार)-विशेष प्रतिनिधि। पूर्व केेंद्रीय मंत्री और एनडीए से दो महीने पहले अलग हुए रालोसपा सुप्रीमो और काराकाट के सांसद उपेन्द्र कुशवाहा टिकट बेचने और 90 लाख रुपये लेने…

महिला दिवस विशेष : सुरभि एक अलग कहानी, कुमार बिन्दु की याद करो देवी

डेहरी-आन-सोन (वरिष्ठ संवाददाता)/औरंगाबाद (कार्यालय प्रतिनिधि)। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर औरंगाबाद जिला में डाक्युमेंट्री-ड्रामा फिल्म सुरभि : ए वेब गर्ल का थीम सांग (विषयवस्तु गीत) और पोस्टर रीलीज किया गया।…

सोन घाटी में इतिहास का सफर : नागवंशियों के रोहतागढ़ से मुगलवंशियों के ताजमहल तक

वाट्सएप पर झारखंड के अध्यापक, लेखक और स्थानीय इतिहास के अन्वेषणकर्ता अंगद किशोर (जपला, हुसैनाबाद) ने टिप्पणी की है- बहुत सुन्दर आलेख।इनकी टिप्पणी के बाद याद आ गया दो दशक…

भारत के विश्वविश्रुत सोन नद अंचल (बिहार) केेंद्रित समाचार-विचार पत्र (प्रिंट) सोनमाटी का नया अंक बाजार में-

  भारत के विश्वविश्रुत सोन नद अंचल (बिहार) केेंद्रित समाचार-विचार पत्र (प्रिंट) सोनमाटी का नया अंक बाजार में- (1). संक्षिप्त संपादकीय (संपादक की कलम से) : घटती फर्टिलिटी आंध्र प्रदेश…

सत्तर सालों में क्या बन पाया मुकम्मल गणतंत्र ?

हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष होने की बात पर जोर देता है और ऐसे समाज के निर्माण की बात करता हैं, जिसमें सभी समान हों, सबको अपना हक मिले। मगर समाज कभी…

सवाल : हमसे स्कूल दूर या हम ही स्कूल से बाहर?

दिल्ली से सोनमाटी मीडिया समूह के प्रिंट एडीशन सोनमाटी और ग्लोबल न्यूज-व्यूज पोर्टल सोनमाटीडाटकाम के लिए बाल शिक्षण प्रविधि विशेषज्ञ और शिक्षा विषयों के लेखक कौशलेन्द्र प्रपन्न का लेख  …